ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर काफी बड़ी खबर आ रही है। बता दें कि इस स्कीम को साल 2023 में पूरी तरह से बंद कर दिया गया था। इस प्रकार से फिर साल 2024 से एनपीएस को सभी केंद्रीय कर्मचारियों के लिए लागू कर दिया गया था।
ऐसे में अब सवाल यह है कि क्या ओल्ड पेंशन स्कीम फिर से वापस लाई जाएगी या फिर नहीं।
इसको लेकर केंद्रीय मंत्री ने भी बयान दिया है जिसके बारे में आपको पता होना चाहिए। आज इस आर्टिकल में हम आपको ओल्ड पेंशन स्कीम के बारे में पूरी जानकारी बताएंगे। इसके अंतर्गत हम आपको बताएंगे कि आरबीआई ने पुरानी पेंशन स्कीम को लेकर क्या कहा है? और साथ में आपको यह भी बताएंगे कि क्या ओपीएस दोबारा से लागू की जाएगी।
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Old Pension Scheme
ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर काफी बातें हो रही हैं और सरकार ने भी इस के ऊपर अपना एक काफी बड़ा अपडेट जारी किया है। जानकारी के लिए बता दें कि ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर फिलहाल सरकार कोई भी विचार नहीं कर रही है।
यहां बताते चलें कि वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने अभी सोमवार के दिन ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर बयान दिया था
लोकसभा में दिए गए इस बयान में पंकज चौधरी ने कहा कि अभी ओपीएस को वापस लाने के बारे में सोचा नहीं गया है। हालांकि एनपीएस यानी नेशनल पेंशन स्कीम में कुछ जरूरी बदलाव करने के लिए एक समिति जरूर बैठाई गई है। दरअसल सरकारी कर्मचारी चाहते हैं कि जो पुरानी पेंशन स्कीम है वह वापस आ जाए।
ओल्ड पेंशन स्कीम क्या है
ओल्ड पेंशन स्कीम के अंतर्गत किसी भी केंद्रीय कर्मचारी को अंशदान जमा करने के लिए नहीं कहा जाता था। इस प्रकार से जब व्यक्ति रिटायर हो जाता था तो ऐसे में आधा वेतन पेंशन के रूप में प्रदान किया जाता था। इस प्रकार से रिटायर होने के पश्चात सरकारी कर्मचारियों को महंगाई भत्ता भी दिया जाता था। तो कहने का मतलब यह है कि जो सरकारी कर्मचारी कार्यरत होते हैं तो जब इनका डीए बढ़ता है तो ओल्ड पेंशन स्कीम के तहत इसी तरह से डियरनेस रिलीफ को बढ़ाया जाता है। पर बिना किसी जमा फंड के कर्मचारियों को पेंशन के साथ-साथ महंगाई भत्ता बढ़ा कर देना सरकार पर काफी ज्यादा भार डाल देता है। इस वजह से वित्तीय विशेषज्ञ यही सलाह दे रहे हैं कि ओपीएस को फिर से लागू नहीं किया जाना चाहिए। क्योंकि इससे सरकार पर काफी ज्यादा बोझ बढ़ जाएगा।
आरबीआई ने ओपीएस के लिए किया है मना
आरबीआई ने सभी केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम को शुरू करने के लिए मना किया है। दरअसल आरबीआई ने देश के राज्यों को कहा है कि वे ओपीएस को फिर से लागू ना करें। यदि पुरानी पेंशन स्कीम को लागू कर दिया जाएगा तो फिर इससे राज्य सरकारों का वित्तीय खर्च 4.5 गुना तक बढ़ने की संभावना है।
आरबीआई की रिपोर्ट के अनुसार फिर सरकार दूसरे अन्य कल्याणकारी कार्यों को सही से नहीं कर पाएंगी। इसके अलावा आने वाली अगली पीढ़ी के लिए भी ओल्ड पेंशन स्कीम सही नहीं रहेगी। इस प्रकार से ऐसा करना आकर्षक तो लग सकता है लेकिन इससे राज्य सरकारों पर दबाव बहुत बढ़ेगा।
ओपीएस को 5 राज्यों ने किया लागू
देश के ऐसे पांच राज्य हैं जहां पर ओल्ड पेंशन स्कीम को एक बार फिर से वापस लाया गया है। हालांकि ऐसा करना सही नहीं है लेकिन इसके बावजूद भी निम्नलिखित राज्यों में ओपीएस को लागू कर दिया गया है-
- पंजाब
- हिमाचल प्रदेश
- राजस्थान
- छत्तीसगढ़
- झारखंड
- कर्नाटक में भी पुरानी पेंशन स्कीम लागू की जा सकती है क्योंकि राज्य सरकार इस पर विचार विमर्श कर रही है।
ओल्ड पेंशन स्कीम को फिर से वापस नहीं लाया जाएगा। दरअसल इसको लेकर आरबीआई ने भी मना किया है। वित्त राज्य मंत्री ने भी अपने बयान में यह साफ कहा है कि ओपीएस को फिर से लाने के बारे में कोई भी योजना नहीं बनाई गई है।
इसलिए ओल्ड पेंशन स्कीम को अब फिर से नहीं लाया जाएगा। इस प्रकार से केंद्रीय कर्मचारियों को एनपीएस के अंतर्गत ही पेंशन प्रदान की जाएगी। तो अब आपको भी यह पूरी तरह से समझ में आ गया होगा कि पुरानी पेंशन लाना पूरे देश के लिए सही नहीं है।
To mantriyo mla mp inko pension Dena uchit he jbav de
Bilkul nahin aur inme se jyaadatar 4 – 5 pension lete Hain jabki yah seva hai nokri nahi. Yadi nokri mante ho to iski qualification bhi deside honi chahiye.
Is the safety of the is Govt seeing necessary or the KALYAN YOJANA?
Neta logo ki mauj , baki sabhi ki fatti padi h
RBI ye bataiye ki keya vidhayak and sansad ko pention dene se sarkar par bojh nahi padta
Neta log 4-4 pension le rage hain usse desh aane ja raha hai .
Apna kyo band nahi karte or khud nps le.
mla mp,pm,cm ka old paison…desh ka jaban ke liya nps
Very nice decision
विधायक सांसद और मंत्री के पेंशन पर आरबीआई को टिपणी करनी चाहिए।
नेता लोग पर आम आदमी के कर के पैसा को पानी की तरह पैंशन में दिया जा रहा है।